चले चलो
चले चलो
न घबराना है
न मुरझाना है
बस चलते
चले जाना है!
न कराहना है
न मिमियाना है
बस चलते ही
चले जाना है
हंसना है
हंसाना है
और चलते चले
जाना हैै!
न कोई किसी को
ग़म होगा
जब जम़ीर में
हमारे दम होगा
न कोई
बिसर रह जाएगा
बस चलता ही
चला जाएगा!
न समय यह है
छिपने का
और न ही
फूटकर रिसने का
कमज़ोर न अब
तुम बने रहो
बस चले चलो
और चलते रहो॥