चल
चल
चल इस ज़िन्दगी से कुछ यादें ले चलते हैं,
सपने तो कुछ अधूरे यहीं छूट जाएंगे,
गिले और शिकवे कहीं किसी कोने में
पड़े बंद रह जाएंगे,
अपने साथ कुछ मुट्ठी भर यादें ले चल,
लोगों का क्या ही कहना,
तेरे मरने के बाद कुछ यादों के साथ
किसी नदी में ये तेरी अस्थि को बहा चले आएंगे,
उनमें से कुछ चेहरे जबरदस्त तो कुछ चेहरे
जबरदस्ती रोते हुए दिखाएंगे,
तेरे वजूद को भी कुछ सालों बाद भुला दिए जाएंगे,
चलना यार जरा सी ही सही मगर इस ज़िन्दगी से
कुछ यादें अपने साथ ले चलते हैं!!
