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Dr.Purnima Rai

Romance

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Dr.Purnima Rai

Romance

चल री सजनी

चल री सजनी

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चल री सजनी छोड़ सब कुछ ना तेरा कोई साथ है

अश्कों में दिन- रात बीते दिल से ना कोई बात है

मेरी नजरों तुम को ढूंढें तू क्यों मुझसे दूर है

आ वफा की बात कर लें प्यार क्यों मगरूर है

दर्द दिल का बढ़ता जाए होती न मुलाकात है

अश्कों में दिन-रात बीते दिल से न कोई बात है-----

रूह भटके जग भंवर में दिखे न कोई राह है

आशिकों की प्रीत को न मिले अब पनाह है

पाक मोहब्बत 'पूर्णिमा" खाली फिर यह हाथ है।

अश्कों में दिन- रात बीते दिल से ना कोई बात है---



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