चल पड़े हम क्यों
चल पड़े हम क्यों
चल पड़े हम क्यों
एक ऐसे पथ की राह पर
खुद को इंसान कहने पर भी
लज्जा आती अब जुबान पर !!
चल पड़े हम क्यों
एक ऐसे पथ की राह पर
खुद को इंसान कहने पर भी
लज्जा आती अब जुबान पर !!