चिठ्ठी
चिठ्ठी
बिन पते की कुछ चिट्ठियाँ
अक्सर मैं लिख देती हूँ
क्यों लिख रही हूँ
किसे लिख रही हूँ
भेजना कहाँ हैं
मालूम नहीं कुछ
बस मैं लिख दे रही हूँ
बिना किसी नाम पते की चिट्ठी
सोचकर यह की
जिस दिन वो मिलने आयेंगे
उस दिन मेरे इन चिट्ठियों को
नाम पता भी मिल जाएगा
