प्रदीप कुमार दाश "दीपक"
Drama
देखता रहा
नभ कागज पर
अद्भूत चित्रकारी,
हवा की कूंची
बादलों ने छाप दी
मनमोहक छवि।
छवि
दीप जो जला
माँ की याद मे...
गीत सुनाना
माटी के घर
शतरंज की चाल
माँ
छूना आसान
आई कोंपलें
एक रुपये की आती थी वो संतरों वाली 16 टॉफी, शक्तिमान के स्टीकर को बाजू पर चिपकाना याद एक रुपये की आती थी वो संतरों वाली 16 टॉफी, शक्तिमान के स्टीकर को बाजू पर चिपक...
अगर जो ये टूटी तो ये मचलती क़लम, हमारी ज़िदगियों में लहक का सैलाब लाएगी। अगर जो ये टूटी तो ये मचलती क़लम, हमारी ज़िदगियों में लहक का सैलाब लाएगी।
शायद यही वजह है, बिना सोचे दे रहे बयान अहंकारी शायद यही वजह है, बिना सोचे दे रहे बयान अहंकारी
ताब अ क़मर व रश्क ए अंजुमन में बे पर्दा महव ए आमोज़ हुआ चाहती हैं ताब अ क़मर व रश्क ए अंजुमन में बे पर्दा महव ए आमोज़ हुआ चाहती हैं
न अब कर शिकायत और न ही इन मायूसियों से डरना, हम शायद भूल चुके हैं, आजकल तारीफ करना।। न अब कर शिकायत और न ही इन मायूसियों से डरना, हम शायद भूल चुके हैं, आजकल तारी...
जवां करूँ उन सपनों को, जो खाक में जलकर धुआँ हुए है जवां करूँ उन सपनों को, जो खाक में जलकर धुआँ हुए है
लत इस उम्मीद से शुरू होती है कि, कुछ 'बाहर' भीतर के खालीपन को तुरंत भर सकता है। लत इस उम्मीद से शुरू होती है कि, कुछ 'बाहर' भीतर के खालीपन को तुरंत भर सकता ...
कुछ किस्से थे कुछ फसाने थे, एक शिद्दत से हमने बुने कुछ अफसाने थे कुछ किस्से थे कुछ फसाने थे, एक शिद्दत से हमने बुने कुछ अफसाने थे
वचन का किसी के मोल ना कोई, ना वक्त का जरा भी भान वचन का किसी के मोल ना कोई, ना वक्त का जरा भी भान
किंतु कोशिश हमें स्वयं ही करनी है, कोई दूसरा तो केवल हमें समझा ही सकता है।। किंतु कोशिश हमें स्वयं ही करनी है, कोई दूसरा तो केवल हमें समझा ही सकता है।।
बालक जैसे वामनदेव जी, भिक्षाटन राजा बलि से करते है बालक जैसे वामनदेव जी, भिक्षाटन राजा बलि से करते है
हे माता, मेरे पिया की बाहो का हार सदा रहे l तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता रहे ll हे माता, मेरे पिया की बाहो का हार सदा रहे l तेरे आशीष का दीपक सदा यूँ ही जलता...
आज सही कुत्तों की कर तू पहचान तू सतर्क रह, इंसानी कुत्ते बड़े शैतान। आज सही कुत्तों की कर तू पहचान तू सतर्क रह, इंसानी कुत्ते बड़े शैतान।
धरती फटेगी आसमां जलेगा, और तू रसातल में समा जायेगा'। धरती फटेगी आसमां जलेगा, और तू रसातल में समा जायेगा'।
जाति -धर्म भाषा खेत्रवाद आदि से ऊपर उठकर एक नव निर्माण का आह्वान करो जाति -धर्म भाषा खेत्रवाद आदि से ऊपर उठकर एक नव निर्माण का आह्वान कर...
बड़े बुजुर्गों का कहना हैं " सांस है तो आस है, आस है तो एहसास है, एहसास है तो सब पास बड़े बुजुर्गों का कहना हैं " सांस है तो आस है, आस है तो एहसास है, एहसास है त...
ये साथ हमारा था जीवन भर का, हमें सुख दुख सब संग उठाने थे, ये साथ हमारा था जीवन भर का, हमें सुख दुख सब संग उठाने थे,
सभी के मुख पे थी एक अलग सी चिंतन, जैसे किसी हल के लिए कर रहे है आत्म मंथन सभी के मुख पे थी एक अलग सी चिंतन, जैसे किसी हल के लिए कर रहे है आत्म मंथन
अपनी करनी का फल भोगे, मूल्य किये का सभी भरे।। अपनी करनी का फल भोगे, मूल्य किये का सभी भरे।।
अब जरूरत नहीं पड़ती नाम और पैसे कमाने के लिए जल्दी से बड़े हो जाने वाले सपने देखने की अब जरूरत नहीं पड़ती नाम और पैसे कमाने के लिए जल्दी से बड़े हो जाने वाले सपने...