छोटी सी इच्छा
छोटी सी इच्छा
कहां है अरमा मुझे बनूं मैं लेखक,
ना ही है ख्वाहिश रचूं मैं कोई ग्रंथ।
बस उद्वेलित करें है मुझको,
मेरे आस पास की घटनाएं,
कोरे कागज पर मैं ,उनको उकेरुं,
व्यक्त करूं दिल की भावनाएं,
बस ये है थोड़ी सी इच्छा
कोई पढ़े उनको और समझे
मेरे मन की भावनाएं।
