छोड़कर तुम्हें चला जाऊँगा...!
छोड़कर तुम्हें चला जाऊँगा...!
ज़ब मै छोड़कर तुम्हें
चला जाऊँगा,
मेरा वादा हैं,तुम्हें
भुला जाऊंगा,
तुम फ़िर भी तन्हाइयों में
आँसू बहाओगी,
मगर मै नहीं आऊंगा,
ज़ब मै छोड़कर तुम्हें
चला जाऊँगा !
जिस्म की हर आग में,
पत्तों की हर शाख में,
कोयल बोलेंगी ज़ब
बाग़ में,
मोहब्बत की भागम-भाग में,
मेरा चेहरा नज़र
आएगा तुम्हें,
औऱ विरह की आग में
जलोगी तुम,
तब मेरी ज़रूरत होंगी तुम्हें,
मगर मै नहीं आऊंगा,
ज़ब मै छोड़कर तुम्हें
चला जाऊँगा !
हजारों ख़्वाब
अधूरे रह जायेंगे,
दिल की तमन्ना
धरी की धरी रह जायेगी,
ख्वाइशों पे ताले लग जाएंगे,
दिल के अरमान, आसुओं में
बह जायेंगे,
दिल के चैन को ही
चैन नहीं आएगा,
तब तुम मुझे बुलाओगी,
मगर मैं नहीं आऊंगा,
ज़ब मैं छोड़कर तुम्हें
चला जाऊँगा !

