छद्म जनेऊधारी..!
छद्म जनेऊधारी..!
आजकल के कलजुग का
अदभुत ये संजोग है
जो आघात सदा करते हैं मां भारती पर
वही सत्य अहिंसा की बात करते हैं।
आजादी से वर्तमान तक जिन्होंने
बस लूटा खूब खसोटा है
भाई को भाई से लड़वाकर
मजहबों की खाई खींची है।
क्रांतिकारी, वीर सैनिकों के बलिदानों का
अपमान ये छद्मधारी करते हैं,
कायरता और धूर्त नीति पर चल कर
ये देश का भू भाग लुटा देते हैं।
छद्म जनेऊधारी ये लुटेरे
दशकों से देश को लूटते आए हैं
सत्ता के लालच में देखो
जाने कितने घर इन्होंने जलाएं हैं।
देश का बँटवारा कर
नफरत के बीज इन्होंने बोए हैं
भारत मां के सीने में
जख्म हजारों छोड़े हैं।
अनगिनत दंगों के दंश
देश ने इनके राज में झेले हैं
सिखों,कश्मीरी पंडितों के नरसंहार में भी
इनके हाथ ही मैलें हैं।
हर ओर आंखों में आसूं ,
जख्म असंख्य दर्द अभी बिखरे हैं
भोपाल गैस त्रासदी जैसे इनके
कुकृत्यों से भरे अनेकों किस्से हैं।
घोटाले पे घोटाला कर
ये अपनी तिजोरियां भरते हैं
जल, जंगल और जमीन पे
ये डाका डाले रहते हैं।
सफेदपोश ये नकाबी
सिर्फ जनता को भरमाने बैठे हैं
अधिकारों पर ढींगे हांककर
ये अपने हित साधे रहते हैं।
तुष्टिकरण के ये महानायक
बहुसंख्यकों का तिरस्कार करें,
संसाधनों पे पहला हक देकर
ये विशेष वर्ग की बात करें।
आराध्य श्रीराम के अस्तित्व पर
सदा प्रश्नचिन्ह ये लगाते हैं
चुनाव आते ही छद्म जनेऊधारी बन
ये मंदिर मंदिर जाते हैं।
झूठ, कपट और नफरत फैलाकर
ये राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं
छद्म जनेऊधारी नाग बनकर
जहर वैमनस्य का समाज में घोलते हैं।
झूठ, मक्कारी और फरेबी में
इनका कोई सानी नहीं
जहां मतलब की बात बने
ये वहीं नजर गड़ाए बैठें हैं।
स्वार्थहित में देश के दुश्मनों से
गहरी रात ये चुपके मिलते हैं
जयचंद और मीर जाफर बनकर
मां भारती के पीठ पर खंजर भौंकते हैं।
चीन, पाकिस्तान, वामपंथियों की गोद में
अक्सर बैठे ये मिल जायेंगे,
टुकड़े टुकड़े गैंग के साथ
कांधे से कांधा लिए खड़े हो जायेंगे।
जहां विकास की बात हो
वहां रोड़ा ये अटकाएंगे,
संकटकाल में जब देश फंसा
ये वहां अदृश्य हो जाएंगे।
सिर्फ शिकायत रोना धोना
ये इनकी रणनीति है
सत्ता पाने की चाहत में
देश विरोधी बातें करना ये इनकी मजबूरी है।
इन फलसफों को लेकर जब ये
चुनावी मैदान में आते हैं
जागरूक भारत की जनता से पिटकर
मांद में अपनी छिप जाते हैं।
इनके कुत्सित प्रपंचो में अब
देश की जनता नही आयेगी
दशकों से जो झेला इनको
इन्हें अच्छा सबक सिखायेगी।