STORYMIRROR

Vinod Kumar Mishra

Inspirational

3  

Vinod Kumar Mishra

Inspirational

चेतन मन

चेतन मन

1 min
521

चेतन मन प्रभु चैतन्य रहे जन

कदम कदम पर शतरंज बिछा है

ना जाने किस मोड़ पे प्रतिद्वंद्वी

मग कौन सा जाल बिछा देगा।


राजा वजीर ऊँट और घोड़े

किसी को कमतर नहीं समझना

प्रभु शरणागत होकर ही मानव

जग विजय पताका फहरा सकेगा।


जिसके आगे नर्वस हो जाते

खल शकुनी जैसे महा धुरंधर

निज कर्म करें सत्कर्म करें मनु

प्रभु जीवन यह सफल बना देगा।


सब गुन आगर दया के सागर

आस्तिकता में मना रमा देना

मिट्टी सा तन क्षण भंगुर जीवन

'वीनू' तन धन्य वही बनायेगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational