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Dr. Pankaj Srivastava

Inspirational

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Dr. Pankaj Srivastava

Inspirational

चेहरे

चेहरे

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चेहरा, हर बार कुछ अलग सा,

3 सावन गुजर गये और

हर यादों को अलग चेहरा दे गये।


नाम नहीं पर चेहरा याद रहता है,

चाल जिसने भी चली,

वो मोहरा याद रह्ता है।


कुछ यादें खटाई सी खट्टी, 

या कुछ शहद सी मीठी।

नाम धुंधला है पर वो चेहरा

अभी भी याद है


जब उसने कन्धे पर हाथ

रख कर हौले से बोला

"मैं हूं ना"

याद तो वो भी है जिसने कहा था

"जाओ ! तुमसे ना हो पायेगा"


चेहरा, प्रतिबिंब है हमारी

मनोस्थिति का,

"मन के हारे हार है और

मन के जीते जीत"


यूं तो हर चेहरा कुछ

अलग बयां करता है।

क्यूं ना जीत और सफलता का

प्रतिबिंब ही हर चेहरा हो


और हम सबकी यादों में

खुशियों का ही पहरा हो।


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