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Dr. Pankaj Srivastava

Others

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Dr. Pankaj Srivastava

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कैंसर

कैंसर

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नाम काफी है धरा पर लाने के लिये,

एक पल में होश उड़ने के लिये।

कर्मों का जोखा, फिल्म सा गुजर जाता है,

रात का अकेलापन आँखों में समा जाता है।


तनाव चुपके से हमराही बन जता है,

खाने- पीने का क्रम बिगड़ जता है।

शरीर शय्या पर जीवन के काँटों पर

लेटता है,

इन्सान सोते हुए भी तनाव की

परछाइयों को देखता है।


जीवन में तनाव शक्कर सा घुल चुका है,

सुखी जीवन का सपना पेशोपेश में

रूल चुका है।


विचारों से लेकर अचारों तक,

हर चीज़ में मिलावट है।

कुछ को विरासत में मिला, कुछ दे रहे हैं,

अनजाने में विपदाओं की माला पिरो रहे है।


दोस्तों, अपने अपनों के बारे में सोचिए,

दर्द, सूजन, कमज़ोरी को हल्के ना लीजिए।


शरीर आपका साथी है इससे भी कुछ

बात कीजिए,

इसके दिये हुए संकेतों को ना नज़रअन्दाज़ 

कीजिए।


जीवन आपका, अपनों के लिये खास है,

आपके बिना जिनका जीवन उदास है।




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