❣चाँदनी की बनी तुम।~~~~~~~~~~
❣चाँदनी की बनी तुम।~~~~~~~~~~
बनी हो तुम चाँदनी की
सजे सितारों के झुुरमुट से
झलकता रूप यह तुुुम्हारा
बरबस आमंत्रण देता है
पिघल गुम तुम में हो जाए
बचे फिर न कभी कोई
यह अस्तित्व, यह रंग जो हमारा है।।
सजाया है निगाहों से
तुुुुम्हारे राह को सनम हमने
हमारे आंगन मेें उतरो न
कई जन्मों की साथी हो
बसी हर आहट पर तुुम हो
सहारा बस तुम्हारी
बाहों का ही तो है।।
इस सुुुहानी रात की रागिनी
धङकन में भी गुनगुन करती है
तुुुम्हारे पायल की रूनझुन भी
यही ईक बात कहती है
बनाया है खुदा ने फ़ुरसत मेें
तुुमको,तुम हमारी रंगिणी हो।।
महक उठा सेहरा यह सारा है
जहाँ वीराना पसरा रहा
तुुुम्हारे ठहर जाने का
पहर यह बीत न जाए
दुुआ यह ईक हमारा है,
बनी हो चाँदनी की तुुम
कहाँ कोई तुमसा प्यारा है।