चाहत
चाहत
रिश्तों की गहराइयों को दिल ही समझता है
मेरा तुझ में खो जाना यही एहसास दिलाता है
मेरी हर सोच आखिर तुमसे ही जुड़ जाती है
तेज हुई धड़कने भी यही बात जताती है
तेरा जिंदगी में होना ही सुकून सा लगता है
साथ बिताया हर वो पल खूबसूरत सा लगता है
दिल की चाहत तो जैसे बढ़ने ही लगी है
पास ना होते हुए भी तू करीब लगने लगी है
काश मैं कुछ ना कहूँ पर तुम सब समझ जाओ
पल भर के लिए ही सही तुम मुझ में समा जाओ