STORYMIRROR

Amit Kumar

Inspirational

2  

Amit Kumar

Inspirational

चाह का मोती..

चाह का मोती..

1 min
346

हाथ तेरे हमेशा यूँ खाली न आएंगे

यूँ ही बेकार ये तेरे मेहनत न जाएंगे

भरोसा रख मिलेगा तुझको तेरी चाह का मोती

समंदर के लहर तुझको न यूँ ही जीत पाएंगे।


लहर आती किनारे पर, हमेशा लौट जाती है

किनारा यूँ खड़ा है और लहर कुछ कर न पाती है

किनारे को "हिदायत" दे कि तुझको तोड़ दूं एकदिन

किनारा है वहीं पर ,लहर खुद लौट जाती है।



किनारे पर खड़े होकर न मोती मिल सकेगा जी

लहर से खेलना सीखो, तभी कुछ हो सकेगा जी

लड़ोगे तब ही होगा इल्म, कि क्या दांव-पेंच है

कुछ हासिल करना है तो, लड़ना पड़ेगा जी।



बड़े तूफान भी यूँ डगमगा सकते नहीं है तुमको

तुम वो चट्टान हो जिसको डिगा सकते नहीं है वो

मुश्किलें खुद बिखर जाएंगी तेरे सामने आकर

बस एक संकल्प लेना है, मिलेगी "हार" न तुझको।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational