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S Ram Verma

Abstract

3  

S Ram Verma

Abstract

बूंदें !

बूंदें !

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कुछ बूंदें

जैसे-तैसे

हाथ तो लग गई


अब कोई

ऐसा चाहिए

जो इनके

उद्गम का

पता बता सके


ताकि उसी

रस्ते पर

चलकर मैं

इसके सागर

को पा सकूँ !


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