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Anjali Jain

Inspirational

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Anjali Jain

Inspirational

बुल्लेया

बुल्लेया

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मत गुर उस आसमान को इतना,

तेरी आखें चका चोंद हो जाएगी,

है वो रोशनी से भरा,

जरा संभल के बुल्लेया। 


जो वो आसमान आज तेरा है,

कल किसी और का होगा,

इतना ना तू इतरा,

जरा सावधान बुल्लेया।


इस मिट्टी से है जितना जुड़ा,

उतना महकेगा तू,

चमन भी तेरा और चांद भी तेरा फिर,

रख बुलंद इरादे बुल्लेया।


है जो खौफनाक रात,

उतना ही उजाला होगा,

सर जमीन भी तेरी, नभ भी तेरा होगा,

रख खुद पर हौसला बुल्लेया।


जो सर पे छत तेरे,

और पैर में जमीन,

मान ले तुझसे खुश नसीब कोई नहीं,

सहेजना उसको प्रेम से बुल्लेया।


रख तेरी सोच नेक,

मदद का हाथ फखर से बढ़ा,

रब का बंदा है तू ,

दिल जीतने का हुनर तुझ में बुल्लेया।


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