बसंत आई, सर्दी गई
बसंत आई, सर्दी गई
बसंत का आना,
नये साल का शुभ संकेत देना,
नये पतों और फूलों का खिलना,
धीमे-धीमे ठण्डी हवा का चलना,
पक्षिओं का खूब चहचहाना,
शरीर में नये रक्त का संचार बढ़ना,
हर चीज का योवन रह रह के निखरना,
मानो कुदरत का पुनर्जन्म होना,
हर किसी को उत्साहित कर देता।
सर्दी का धीरे-धीरे प्रस्थान करना,
ग्रीष्म ॠतु की भुमिका दे डालना,
खेतों में गेहूं के सिटे का बनना,
फिर एक मस्त अदा से झुमना,
जैसे कोई अल्हड़ जवानी में मदहोश,
दुनिया को दिखा रही अपना आकर्षण।