बस यूं ही
बस यूं ही
न कर सकोगे , न साथ चल पाओगे
तुम यूँ ही कुछ दूर चल कर लौट आओगे
न कर सकोगे ..
हमें मालूम है, अभी तो लाख कसमें वादे करते हो
कुछ देर ठहरो , एक एक कर सब भूल जाओगे
न कर सकोगे ..
मुझे पता है इसका अंजाम क्या होगा
अभी आगाज है , हर वक्त यूँ ही नहीं खुश नजर आओगे
न कर सकोगे ..
इधर आओ , बैठो मेरे पास कुछ देर तक चुप चाप
महसूस कर लूँ तुम्हे , एक दिन तो चले ही जाओगे
न कर सकोगे ..
हजार कस्मे खा लो की तुम मेरे हो , मैं तुम्हरा ,
जब वक्त आवाज देगा , रुक नहीं पाओगे
न कर सकोगे ..
हमने दुनिया देखी है , तुम हममे दुनिया देखते हो
हम तजुर्बे से कहते हैं , सम्भलो वरना , तबाह हो जाओगे
न कर सकोगे ..
हम तो , दर्द के दरिया हैं , तुम ख़ुशी की लहर से
हम बहते रहेंगे , बस तुम टूट बिखर जाओगे
न कर सकोगे ..
सुनो अभी भी वक्त है , मेरी मानो एक मीठी याद सा भूल जाओ
वर्ना साहिब की तरह बहुत पछताओगे
न कर सकोगे न साथ चल पाओगे
बस यूँ ही कुछ दूर चल कर लौट आओगे ।

