शायद इसीलिए वो भी इन हादसों से मुझसा ही शर्मिंदा है यह देश जो मेरा मान है शायद इसीलिए वो भी इन हादसों से मुझसा ही शर्मिंदा है यह देश जो मेरा मान है
काश ! हम सब उस 'समभाव' को समझ पाते तो अपने मन में ही 'राम' को पा जाते। काश ! हम सब उस 'समभाव' को समझ पाते तो अपने मन में ही 'राम' को पा जाते।
इधर आओ , बैठो मेरे पास कुछ देर तक चुप चाप महसूस कर लूँ तुम्हे ,एक दिन तो चले ही जाओगे। इधर आओ , बैठो मेरे पास कुछ देर तक चुप चाप महसूस कर लूँ तुम्हे ,एक दिन तो चले...
जहाँ पेड़ों को भी अपना माना जाता है जहाँ नहीं विचलित होता मुसीबत आने पर कभी मन जहाँ पेड़ों को भी अपना माना जाता है जहाँ नहीं विचलित होता मुसीबत आने पर ...
नींद भारी है ना उठा साहिब बह गए अश्क़ से वफ़ा साहिब। नींद भारी है ना उठा साहिब बह गए अश्क़ से वफ़ा साहिब।