बस यादें
बस यादें
तुम्हारी बातें तुम्हारे विचार
एक नहीं कई हज़ार,
आते जाते तुमसे मिलना
कुछ कहना कुछ सुनना,
कभी प्यार तो कभी तकरार
अपनापन भी बस तुमसे यार,
कभी तुम कहो कभी मैं कहूं
तुम्हारी मेरी बस कहानी चले,
अब तुम जो नहीं मेरे साथ
बात नहीं वो कुछ खास,
तुम्हारी यादें तुम्हारे सपने
तुम ही तो थे मेरे अपने,
चले गए कहां हो अब तुम
जाने कहां हो गए हो गुम,
वो वक्त वो बातें वो किस्से
अब बन गए हैं सब वो यादें,
अब बस रह गया एक एहसास
काश कुछ और दिनो का होता साथ।