The Stamp Paper Scam, Real Story by Jayant Tinaikar, on Telgi's takedown & unveiling the scam of ₹30,000 Cr. READ NOW
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बरसात

बरसात

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सोंधी मिट्टी की खुशबू ,

दे रही है पहली बारिश की मुबारक !

सूर्य प्रचंडता को देती चुनौती;

जीतती बरखा आज !


मन से, तन से, तन मन से

नाचते पेड़, झूमती हवा ,

खेत का तिनका तिनका लबरेज;

इस पानी से।


बूंद बूंद समाहित,

तप्त धरती के कण-कण में।

बदरंगा सफेद आसमान भी प्रसन्न कि;

आज होगी गर्मी से सोंधी ठंडक।


जेठ की यह रिमझिम फुहार

बदल जाएगी इक दिन

झिर-झिर सावन में।


धुएं सा उठता गिरता पानी,

खेतों में भिगो रहा है,

हर दरक हर तिरकन को,

क्योंकि इंतजार है कुछ बीजों को,

जो रोंपे जाकर बदलेंगे इक दिन,

कोपल में और बनेंगे,

मीठा स्वाद किसी रसना पर।


फिर हरे से सुनहरा होगा

धरती का हर छोर,

क्योंकि आई है बारिश !

पिछले साल सी इस बार भी।


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