खेल
खेल
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सूरज चांद सितारे सारे
खेल खिलौने नभ में प्यारे
खेलें ,'फिरकी' *' फुकड़ी '* हरदम
रतिया हो या हो भुनसारे* ।
सूरज जब अखियां मूंदे
और अपनी धप्पी* आप निबाहे
चंदू मामा चुपके से तब
निकल पड़े पीछे से प्यारे
कच्ची गोटी में खेले जब
नन्हें-नन्हें टिमटिम तारे
सतरंगी संध्या तब घेरे
दीप जले फिर हो उजियारे
शाम को उठता धुआं ठहरे
पसरे ऊपर आंगन द्वारे
देगची में खदबद उबले
आलू सालन मिर्च मसाले
चूल्हे पर जब खनके भैया
गंजी , करछुल ,झरिया ,सारे
नीचे अपना नंदू मचले
कर के नखरे प्यारे प्यारे
सबकी अपनी अपनी ढपली
राग है सबके प्यारे प्यारे
ऊपर रस्सी कूद वो खेलें
नीचे हम खेले सब सारे
शब्दों के अर्थ :-
1) फिरकी ,फुकड़ी -- एक तरीके के खेल
2) धप्पी - चान्स
3) भुनसारे - सुबह