"बढ़ रहा भारत हर ओर"
"बढ़ रहा भारत हर ओर"
बढ़ रहा है, मेरा भारत आसमान की ओर
कुशल नेतृत्व से हिंद फिर बनेगा, सिरमौर
हटा नौसेना से ब्रिटिश ध्वज चिन्ह, का जोर
तिरंगा लहरा रहा है, अब समंदर की ओर
शिवाजी का स्वप्न पूर्ण हुआ, दरिया ओर
भारत की कामयाबी का चहुँ ओर है, सोर
दरिया में हिंद नोसैन्यशक्ति की हुई है, भोर
बढ़ रहा है, मेरा भारत आसमान की ओर
नौसेना में आ गया, विक्रमादित्य जहाज
जिसमें स्वदेशी तकनीक शामिल, हर ओर
ऐसा कर हिंद बन गया, शक्तिशाली, बहुत
मन मयूर बड़ा प्रश्न है, नाच रहा पंख खोल
भारत हो रहा, फिर से स्वर्ण चिड़िया दोस्त
यह सब कुशल नेतृत्व के कमाल की चोट
ब्रिटेन को अर्थव्यवस्था में पीछे दिया छोड़
विश्व 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था जलाई जोत
बढ़ रहा है, मेरा भारत आसमान की ओर
आओ त्याग दे, आपसी बैर भाव हर ओर
मिलजुलकर रहे, एकता में बल होता, बहुत
कोई आंख उठाकर देख न सके हिंद ओर
ऐसे बना ले, गर हम सब देश के प्रति सोच
जल, नभ, भू सब ओर से होगा, हिंद सिरमौर
इसके लिये इतनी, मजबूत कर ले प्रेम डोर
लोह जंजीरे भी आपसी सौहार्द न सके तोड़
बढ़ रहा है, मेरा भारत आसमान की ओर
ध्यान रखना इसके असल पैर है, हम लोग
जाति में न उलझे, मजहब के लिये न झगड़े
मेरा भारत जरूर होगा स्वर्ग ही स्वर्ग हर ओर
छोड़ दे चापलूस नेताओं से करना गठजोड़
भ्रष्टाचार पर चला दे, सब ही कैंची पुरजोर
भारत, अमेरिका से भी आगे की होगा, दौड़
बस सबके दिल में आये, ईमानदारी का दौर।