बरगद की छाँव
बरगद की छाँव
कई एहसास से जुड़ा जड़ हैं उनका
हिम्मत बन के निखरती हैं
कड़कती धुप जैसा उनकी ज़िन्दगी हैं
जो अपनी दर्द से ख़ुशियाँ ख़रीदती हैं
छुपाए दर्द ,,ना कभी दिखाए वो
ना हिस्सा बनाए आंसुओ की किस्से में
हैं ये इंसान पहचान ''पापा'' से
जैसे पेड़ हैं बरगद की और सुकून मिले उनकी छाँवो में .....
