बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम तेरे
बिन फेरे हम अब तेरे हुए
ना समाज की यहाँ मंजूरी है,
बेशक़ ये मांग भरा नहीं
फिर भी प्यार के रंगे गहरा है , ,
ना इन्तजार करना तू कोई मौसम का
ना वक़्त बेवक़्त एहसास को दिल में छुपाना
हैं हमसफ़र ,हम अब तेरे दिल के
बस हर राह में , मेरे कदम को इज़ाज़त तुम देना . .