बिल्ली की शादी(बाल कविता)
बिल्ली की शादी(बाल कविता)
होने को है बिल्ली की शादी
गांव में खुशी बड़ी है छाई,
मोती कुत्ता बन गया दूल्हा
रब ने जोड़ी क्या खूब बनाई!
चूहा, तोता, हाथी, घोड़ा
सबने खूब नाच दिखाया
मेंढक ने भी बीन बजाईं
बंदर ने जमकर ढोल बजाया।
सज गया शादी का मंडप,
भालू ने व्यंजन खूब पकाए
गाय ने मीठी छाछ बनाई
सबने छक कर खूब खाए।
कौआ गा रहा था डीजे में
मोरनी झूम-झूम कर नाची,
सभी जानवर खुश थे शादी में
खूब दबाकर खा रही थी चाची।
बिल्ली ने पहनी रेशम साड़ी
गले में मोती की माला डाली,
मोती दूल्हा भी सूट बूट में
ये जोड़ी बनी निराली...!
शादी हुई अब धूमधाम से
मज़े किए सभी ने खूब,
रात को जमकर बारिश हो गई
कल जमकर निकलेगी धूप।
मिलजुलकर सब खुश रहें
मतभेद अपने दूर भगाओ,
प्यार, हंसी, अपनापन सब
जीवन में तुम अपने लाओ।
