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बीमारी या बहाना

बीमारी या बहाना

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बीमार पड़ना कोई चाहता नहीं

डाक्टर की जेब भरना कोई मांगता नहीं

दवा दारू की इच्छा कोई करता नहीं

बेड पर सोये रहना कोई चाहता नहीं


बहाने फिर भी मिल जाये हजारों 

बीमारी का बहाना रास आता नहीं

सच्ची बीमारी से कौन चुका है

बहाना वक़्त बदलते झूठा है 


मन मे विचार सच्चे लाऊं

तन को सेहतमंद बनाऊं

क्यों झूठमूठ बीमार पडूं

क्यों खुद की नजर में पडूं


रुकती है जिंदगी बीमार पड़ने से

थमती है प्रगति बीमार होने से 

आलस प्रगति रोधक है

बहाना कहाँ से बोधक है


मैं जानता हूँ, आप भी जानो

अपने आपको पहचानो

योग, वर्जिस से बनो तंदुरुस्त

खुद खुश रहो, दूसरों को रखो खुश



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