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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Horror Crime Fantasy

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Horror Crime Fantasy

भूतिया हवेली

भूतिया हवेली

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भूतिया हवेली के सामने से जब गुजरने लगे 

अनायास ही कदम डर से लड़खड़ाने लगे 

हवा भी जोर जोर से सांय सांय कर रही थी 

दिल की धड़कन धीरे धीरे मर रही थी 

कड़कती बिजली के शोर ने और डरा दिया 

खुलते बंद होते गेट ने रहस्य और बढा दिया 

पीछे से अचानक कोई आवाज सी आई 

क्या कहें कि जान हमारी हलक में आई 

पीछे मुड़कर देखा तो कहीं कोई नहीं था 

भूतिया हवेली का खौफ कुछ कम नहीं था 

कहते हैं कि भूतों की टोली उसमें रहती है 

इधर से गुजरने वालों का शिकार करके रहती है 

एक दिन पुलिस ने भूतिया हवेली पर धावा बोला 

पता चला कि वहां रहता था अपराधियों का टोला 

सबकी पिटाई कर थाने ले जाया गया 

इस तरह भूतिया हवेली का रहस्य समाप्त हुआ।


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