"बहुत बुरी बात"
"बहुत बुरी बात"
नरसिंहपुरा में कितनी हो गई,बुरी बात
धरती फट रही,आसमान दे रहा,आग
मनुष्य की मनुष्यता की खो गई,जात
हैवानियत की सब हदे,पार हुई,आज
बहन तोला के साथ हुआ,बलात्कार
उससे हुई मानवता बहुत ही शर्मसार
दुष्टों को तुरंत दो,कड़ी सजा सरकार
न तो,हम भाई लोग उठा लेंगे,तलवार
सबके दिलों पर गिरा,बड़ा वज्रपात
एक नारी के क्या यही रहेंगे,हालात
क्या हरदिन सहेगी,पुरुषों के आघात?
नारी बचाओ,न तो प्रकृति करेगी घात
हरदिन नारी साथ होता,बुरा व्यवहार
गन्दे लोग,नारी प्रति रखते गंदे विचार
कभी नारी सहती गन्दी नजर का वार
नारी का हो रहा,आज रोज बलात्कार
जो स्त्री पर तेजाब फेंकते होकर,लाचार
वो पुरुष नही,वे तो पशु,भेड़िया है,बेकार
कैसे मिलाते होंगे वो नजरें,अपनी मात
उन दुष्टों की भी तो एक स्त्री है,रचनाकार
बहुत बुरा हुआ,आज एक भाई गया हार
इस रक्षाबंधन,कलाई की रहेगी बड़ी रार
कैसे लाऊं,राखी बाँधनेवाली बहिना यार
दुष्टों ने दुष्कर्म साथ,मौत के घाट दिया उतार
इस घटना में कहीं समाज भी है,जिम्मेदार
वे पशु भी हमारे समाज का ही बुरा,विचार
नारी पूज्य संस्कृति में कहां से आया,विकार
सोचो,मोबाइल ही दिख रहा,मुझे बार-बार
इस पे रोक लगाओ,ये बना सबका थानेदार
गलत चीजों ऊपर प्रतिबंध लगाये,सरकार
ठोस कानून बनाये,मोबाइल मन पर है,भार
मोबाइल उन्हें ही दे,जो है,सच्चे चौकीदार
जो लोग शरीर से न मन से है,बड़े बीमार
उनकी पहचान करे,करे उनका बहिष्कार
जब तक दिलों से न मिटा पाएंगे बुरे विचार
तब तक खत्म न होंगे,समाज से बलात्कार।