STORYMIRROR

Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract

3  

Dr Lakshman Jha "Parimal"Author of the Year 2021

Abstract

भोले की आराधना

भोले की आराधना

2 mins
314


सुन शम्भू सर्वहारा

तुमने लाखों पतित को तारा !

अब हमरी बारी आये

तुम काहे देर लगाए !!

सुन शम्भू सर्वहारा

तुमने लाखों पतित को तारा !

अब हमरी बारी आये

तुम काहे देर लगाए !!


गले में शेष नाग माला

जाटा से बहती गंग धारा

गले में शेष नाग माला

जाटा से बहती गंग धारा !

ऐसा योगी ..दानी भोगी

ऐसा योगी ..दानी भोगी

सबका दुःख हारा !!

सुन शम्भू सर्वहारा

तुमने लाखों पतित को तारा !

अब हमरी बारी आये

तुम काहे देर लगाए !!

सुन शम्भू सर्वहारा

तुमने लाखों पतित को तारा !

अब हमरी बारी आये

तुम काहे देर लगाए !!


विभूति अंग में लगाए

तप में ऐसे हैं समाये !

विभूति अंग में लगाए

तप में ऐसे हैं समाये !!

इनके लोचन दुःख विमोचन

इनके लोचन दुःख विमोचन

सब पे है बारा !!

सुन शम्भू सर्वहारा

तुमने लाखों पतित को तारा !

अब हमरी बारी आये

तुम काहे देर लगाए !!

सुन शम्भू सर्वहारा

तुमने लाखों पतित को तारा !

अब हमरी बारी आये

तुम काहे देर लगाए !!


भंग -धथूर ये चबाये

भूत -पिचाश को नचाये !

भंग -धथूर ये चबाये

भूत -पिचाश को नचाये !

डमरू बोले बसहा डोले

डमरू बोले बसहा डोले

नाचे जग सारा !!

सुन शम्भू सर्वहारा

तुमने लाखों पतित को तारा !

अब हमरी बारी आये

तुम काहे देर लगाए !!

सुन शम्भू सर्वहारा

तुमने लाखों पतित को तारा !

अब हमरी बारी आये

तुम काहे देर लगाए !!


'लक्ष्मण 'तुम्हारा गुण गावे

भक्ति के फूल ये चढ़ाये

लक्ष्मण 'तुम्हारा गुण गावे

भक्ति के फूल ये चढ़ाये !

दे दो हमें ख़ुशी ऐसी

दे दो हमें ख़ुशी ऐसी

मिटे दुःख सारा !!

सुन शम्भू सर्वहारा

तुमने लाखों पतित को तारा !

अब हमरी बारी आये

तुम काहे देर लगाए !!

सुन शम्भू सर्वहारा

तुमने लाखों पतित को तारा !

अब हमरी बारी आये

तुम काहे देर लगाए !!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract