बहन
बहन
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राखी का त्योहार आता साल में इक दिन
पर मैंने पाया राखी का यह प्यार साल के हर दिन
मेरी बहना गुड़िया जैसी मैं रक्षक उसका
धरती माँ के लाल के जैसा
राखी का यह त्योहार है कहता
रक्षा कवच यह बहन ने बाँधा
पालन करूँगा इसका मैं जीवन के हर क्षण में
बहन ने दिया विश्वास है मुझ को
चाहे करूँ देश की रक्षा चाहे करूँ
परिवार की रक्षा
पल - पल मैं कर्तव्य निभाऊँ
क्षण भर भी मैं स्वार्थ न पाऊँ ।।