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ARVIND KUMAR SINGH

Inspirational

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ARVIND KUMAR SINGH

Inspirational

बहन की रक्षा

बहन की रक्षा

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राखी के बंधन पर बहना

बड़ी दूर से आई है

प्यार के बन्धन में बांधेगी 

भाई की कलाई है


धागा नहीं ये डोर है मेरे

अरमानों की भाई

बलाऐं ले लूं अपने ऊपर

जो मेरे भाई पे आईं


भैय्या मेरा लाखों में एक 

है बहन का प्यारा

बलिहारी मैं उसके ऊपर

प्यार लूटा दूँ सारा


मेरा भाई चमकता रहे ज्यों

चमके चाँद सितारे

दुश्मन निकट आ न सके

पहले ही जाऐं मारे


मुझे पता है चाहे मुझ को

जान से भी ज्यादा

अपनी बहन की रक्षा का वो

तोड़ न सकेगा वादा


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