भजन
भजन
सुबह भी जप ले शाम भी जप ले
जप ले आठौं याम
ओ माटी के पुतले जप ले
जप ले प्रभु का नाम
ओ माटी के।
क्या खोया है क्या पाया है
ना कर तू हिसाब
खाली हाथ चला जाएगा
आया था खाली हाथ
ओ माटी के।
जब तू जागा तभी सवेरा
जप ले प्रभु का नाम
किस पल में जग छोड़ चलेगा
नहीं है तुझको भान
ओ माटी के।
तेरा अपना और पराया
कोई ना देगा साथ
संग तेरे जाएगा प्यारे
एक प्रभु का नाम
ओ माटी के।
मोह माया के भवसागर में
ओ बेबस लाचार
उसके नाम से हो जाएगा
भवसागर से पार
ओ माटी के।
ओ माटी के पुतले जप ले
जप ले प्रभु का नाम
सुबह भी जप ले शाम भी जप ले
जप ले आंठौं याम
ओ माटी के।