भैलेंटाइन परचम्
भैलेंटाइन परचम्
पता नहीं था, आज भैलेंटाइन डे चल कर है आता,
दिन में याद दिलाते गर तो गिफ्ट-विफ्ट ले आता,
साथ बैठ मोटेल में मटर-पनीर-पुलाव खाता,
उपर से मिष्टी आदतन रस-मलाई चार गटक जाता,
चल- रात हुई बहुत अब और जगा नहीं जाता,
भैलेंटाइन की बची-खुची कसर की पूरी कर पाता।