Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract

5.0  

Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract

भारतीय नववर्ष

भारतीय नववर्ष

2 mins
616


शुक्ल प्रतिपदा चैत्र मास को,प्रारम्भ होता भारतीय नववर्ष,

सजी वसुंधरा विविध रंगों से,हर मन में है उल्लास और हर्ष।

बासंती नवरात्रों वाला पहला दिन,यही शुभ दिन ही होता है,

नौ दिन उत्सव के संग मनाते,प्रकृति-परिवर्तन दृष्टिगोचर होता है,

फसल तैयार देख खेतों में, हमारे अन्नदाता को होता अति हर्ष।


नौ दिन शक्ति उपासना करते हम,खुशी संग नवरात्रोत्सव मनाते हैं,

नारी शक्ति की महत्ता समझाने,कन्या पूजन कर आनंद दिखाते हैं।

शक्ति सहगामी है शिव की,सतत् उपासना कर प्रमाण दिखलाते हैं

रामनवमी के संग इसका समापन राम जन्मोत्सव से होता हर वर्ष।

शुक्ल प्रतिपदा चैत्र मास को,प्रारम्भ होता भारतीय नववर्ष।


मुस्कराने का मिले जो अवसर, हम उसको नहीं हाथ से जाने दे,

गमगीनों का दुख हर करके, खुशियॉ॑ सबको को मिल के मनाने दें।

ठोकर मार भगा दें बातें दुख सबके,भर दें खुशियों से बटुए व पर्स।

निर्बलों के हम बने सहायक, मिलकर विकास-पथ पर करें उत्कर्ष।

शुक्ल प्रतिपदा चैत्र मास को,प्रारम्भ होता भारतीय नववर्ष।


बहुत भारतीय हमारे प्यारे खुद अपने ही, नववर्ष से बिल्कुल अनजान हैं,

भारतीय संस्कृति के रंग में रंगा, यह अपना पावन नववर्ष हमारी शान है।

पोप ग्रेगोरी के ग्रेगोरियन कैलेण्डर से,एक जनवरी मनाता सकल जहान है,

प्रकृति में न बदलाव -बस दशदिश धुंध-कुहासा , नहीं हमारा है ये नववर्ष।

 शुक्ल प्रतिपदा चैत्र मास को, प्रारम्भ होता भारतीय नववर्ष।


एक जनवरी को अंतरराष्ट्रीय नववर्ष भी हम सब, मिल जुलकर मनाएंगे,

कई गुना उल्लास-हर्ष संग हम सब,अपना प्यारा अपना नववर्ष मनाएंगे।

संतुलन प्रक्रिया हित व्रत नवरात्रों का,अपनी श्रद्धा अनुसार रख पाएंगे,

बधाईयों-शुभ कामनाओं का आदान-प्रदान कर, खुशियां जम के मनाएंगे।

स्वागत करेंगे हम नववर्ष का अपने,धर्म ध्वजा विश्वगुरु का जग में हो उत्कर्ष।

शुक्ल प्रतिपदा चैत्र मास को, प्रारम्भ होता भारतीय नववर्ष।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract