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Rabindra kumar Sahoo

Abstract Inspirational

4.3  

Rabindra kumar Sahoo

Abstract Inspirational

"भारत मेरा देश है"

"भारत मेरा देश है"

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भारत मेरा देश है

वो मेरा जन्म भूमि,

 कर्मभूमि

वो मेरा पहचान

और परिबेश है।


ये पुण्य भूमि

ये धर्मभूमि

 ये सारे बिशव

कि आश्चर्य और

महान भूमि है

ज्ञान भूमि, दानभूमि

शिक्षा और संस्कार

की महान भुमि

हर इन्सान यहां की

पुण्यात्मा है।


घर, परिवार, समाज

यहां की कुछ अलग है

पुण्य कमाने को हर कोई

यहां तड़प रहता है

 पाप और पुण्य का


अन्तर ये लोग समझते है

 मेरा देश की उत्कृष्ट

कला और संस्कृति 

हमारे पहचान

 यही है हमारे 

महानता और बिस्तृति।


हिमालय इस देश की मुकुट है

सागर इसकी प्रकट है

गंगा से गोदाबरी तक

काश्मीर से कन्याकुमारी तक

 मेरा भारत की बिस्तृति है।


गांधी सुभाष, भगत, पटेल,

 टागोर की ये देश

भिन्न भिन्न जाति, धर्म,

 भाषा भाषियों


बिभिन्न बेशभूषा, आभूषण

 में परिपूर्ण

तथा नाना खाद्य शैली में

 अभयस्त यहां की लेग है

फिर भी हम सब एक है

भिन्न भिन्न भाषा और

बिभिन्नता की 


 परिबेश में भी 

हमारे मातृभूमि,मातृभाषा 

अलग होने की नाते

हमारे राष्ट्रभाषा ही एक है

 फुल अनेक, पौध अनेक

लेकिन हमारी 

बाग बगिचा एक

हमारे भावनाएं, 

मतवाद अनेक

फिर भी हम

भारत माता की सन्तान

हम सब एक

हमारे मातृभूमि, जन्मभूमि

सबका एक है

 पुण्य भूमि जग में

 भारत मेरा देश है


यहां की बेद, उपनिषद,

 बाईबल, कुरान 

 सारे बिशव में श्रेष्ठ है

ये ही मेरा देश की महानता

और जग में मेरा देश श्रेष्ठ है

भारत मेरा देश है।


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