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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Inspirational

भारत की संस्कृति

भारत की संस्कृति

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वेद पुराणों की भाषा 

धर्म शास्त्र संपूर्ण है 

मेरे भारत की संस्कृति 

संस्कारों से पूर्ण है 


बोली चाहे अलग-अलग 

पर मन के भाव एक है 

धर्म यहां न्यारे न्यारे 

पर सब का सार एक हैं 


विविधता में एकता के 

मिलकर गीत गाते यहां 

भारत की लाज बचाने 

तन-मन-धन लुटाते यहां 


अपने इस वतन के लिए 

सोच सबकी परिपूर्ण है 

मेरे भारत की संस्कृति 

संस्कारों से पूर्ण है 


न भेदभाव न राग द्वेष 

रीति नीति से जीते हैं 

अजान आरती बोलते 

चरणामृत भी पीते हैं 


गीता कुरान बाइबल 

और ग्रंथ भी पढ़ते हैं 

देश की अखंडता हेतु 

मिलकर आगे बढ़ते हैं 


भाईचारा भरा पड़ा 

खाया माटी का चूर्ण है 

मेरे भारत की संस्कृति 

संस्कारों से पूर्ण है 


भारत की परिपाटी में 

भगवन भी अवतरित हुए 

तभी तो विश्वगुरु बना 

देव मानव धारित हुए 


इस माटी में गुण कितने 

कम होते गिनते जितने 

गर्भ में भी सीख जाए 

अभिमन्यु जैसे भ्रूण है 


मेरे भारत की संस्कृति 

संस्कारों से पूर्ण है


वेद पुराणों की भाषा 

धर्म शास्त्र संपूर्ण है 

मेरे भारत की संस्कृति 

संस्कारों से पूर्ण है 



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