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Prerna Sharma

Tragedy

3  

Prerna Sharma

Tragedy

भारत की पहचान हिंदी

भारत की पहचान हिंदी

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 मैं ही हूँ भारत की पहचान, फिर भी मुझसे हो अनजान,

 बचपन में अ, आ, इ, ई पढ़ते हो, फिर भी मुझे बोलने में झिझकते हो,

 मेरे शब्दों से ही सीखा खेलना, फिर भी मैं बन गया एक झेलना,

 गीत मेरे सुरों के सुनते हो फिर भी मुझे दूर-दूर करते हो,

 सरल भाषाओं का मैं हूँ बाप ,मुझे भुलाकर करते हो पाप,

 अनुवाद करते वक्त आता में याद, फिर क्यों करते हो मुझसे विवाद

 देश विदेश घूम कर आते हो, मुझ जैसा कहीं नहीं पाते हो

 क्योंकि मैं ही हूँ भारत की पहचान मुझसे ना रहो अनजान ।


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