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Prerna Sharma

Abstract Inspirational

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Prerna Sharma

Abstract Inspirational

स्वतंत्र भारत

स्वतंत्र भारत

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 यह कहानी है स्वतंत्र भारत की

 हर व्यक्ति के आजादी की।

 

 जहां सोने की चिड़िया का बसेरा है,

और चारों धाम की यात्रा का डेरा है।

 

 जहां हर दिन तीज त्यौहारों से सवेरा है,

 और सुबह-शाम भजन कीर्तन की बेला है।

 

 जहां हर रिश्तों नातों की पुकार है,

 और अतिथि के लिए सत्कार है।

 

 जहां अन्न के देवता किसान है,

 और वीरों से भारत की शान है।


 जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई है,

 फिर भी आपस में भाई भाई हैं।

  

 जहां सतरंगी संस्कृति का वास है,

 और छोटे बड़े को एक दूसरे से आस है।


 जहां नारी देवी का रूप है,

 और साड़ी उनकी पहली पोशाक है।


 जहां हर धर्म के संस्कार हैं,

 और आज भी बड़ों के प्रति प्यार है  

          

 फिर भी 

 स्वतंत्र भारत वासियों के जेहन में एक खौफ का नाम है

 रात हो या दिन मन को ना विश्राम है।


 बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का हर रोज गान है,

 फिर भी मानते बेटियों से बढ़कर बेटों की शान है।


 आए दिन होता कन्या भ्रूण हत्या का पाप है,

 उच्च शिक्षा का ना कोई विकास है।

 

 जच्चा-बच्चा कुपोषण का शिकार है,

 रोटी के लिए बाल मजदूरी का हो रहा निर्माण हैं।


 अमीरी गरीबी का दिखावा है,

 परीक्षण का ना कोई मोल है ना भाव है।


( सार = स्वतंत्रता का मतलब सिर्फ आजाद होना नहीं बल्कि बुरे विचारो , बुरी संगति , बुरे व्यवहार , आदि से भी स्वतंत्र होना होता है । यदि हम स्वतंत्र रहते हुये भी इन बुरी आदतों के गुलाम हैं जो दोहरी मानसिकता ही सबसे बड़ी गुलामी है इसीलिए हमें स्वतंत्र भारत में रहकर नकारात्मक सोच और विचारों से शीघ्र स्वतंत्रता प्राप्त करनी चाहिए और एक भारतीय नागरिक होने के नाते देश और समाज में अच्छे कार्यों के विकास के लिए योगदान देना चाहिए।)



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