STORYMIRROR

Hansa Shukla

Classics

4.5  

Hansa Shukla

Classics

भारत के वीर

भारत के वीर

1 min
401


सरहद पर खड़े सैनिक तभी वतन महफूज है,       

वतन पे जीना, वतन पे मरना वतन ही महबूब है। 


बाहर मौसम कितना बदले, मन इनके देशप्रेम का मौसम,                                

इनके गीत, गजल और ठुमरी में, है केवल वंदे मातरम।  

देश रक्षा ही उत्सव इनका, हर त्योहार सीमा पर मनाते हैं।


>

वीर-सपूत भारत माँ के ये, सीमा पर तिरंगा लहराते है।

दुश्मन कदम ना रखे देश में, सीमा पर ही उन्हें गिराते है।


महफूज रहो वीर सैनिक तुम, हर माँ दुआ यह देती है,  

जन्म तुम्हे कोई माता दे, माँ भारत तुम्हारी जननी है।


हिमालय के उन्नत मष्तक तुम, भारत के अभिमान हो,  

भारत का आन-बान-शान तुम, तुम भारत के स्वाभिमान हो।


मेरे बगीचा का पहला फुल, तुम्हारे चरणों मे अर्पित है,  

देश रक्षा को कटिबद्ध सैनिक, श्रद्धासुमन तुम्हें समर्पित है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics