भारत के वीर युवा
भारत के वीर युवा
हे भारत के वीर युवा तुम्हे जगाने आई हूँ
युवा देश के कर्णधारो, तुम्हे बुलाने आई हूँ
वीर भगत सिंह की बलिदान कैसे तुम भूल गए
देश के खातिर कैसे वह फ़ान्सी पर हंसकर झूल गए
उठो लिखो इतिहास नया, सूरज तुम्हे पुकार रहा,
त्याग तपस्या से अपने तुम रोशन कर दो देश यहाँ
जाति धर्म मे बँधा हुआ शत्रु की शालाओ में
तोड़ निकाल फ़ेन्क दो इनको, अपने अपने हृदयो से
सुप्तावस्था से जगो हिन्द पुत्र, माँ भारती दे आवाज रही
उठो जगो और प्राप्त करो देखा जिसने स्वप्न नया
प्रतियोगी एग्जामो को यू तुम व्यर्थ नही जाने देना
नीन्द में खोकर, आलस लेकर गंवा इसे मत देना तुम
आइन्स्टीन सा जगे दिमाग, न्यूटन का सिद्धान्त जगे
अब्दुल कलाम का जगे मोर्चा, राजगुरु का प्राण जगे
जिसकी छोटी सी पट से अंग्रेज भी भाग गए
मन्गल के सिंहनाद से देखो कैसे गोरे भाग गए
इसलिए कहना चाहती हूँ .....
जगे विवेकानन्द क सपना
बनें विकास के सारथी.....
चारो जग में केवल गून्जे, जय जय माँ भारती।
