भारत के वीर और आजादी
भारत के वीर और आजादी
हम कश्मीर से कन्याकुमारी तक कहीं भी जाए, हमारे पास है अब आजादी
इसमें है भगतसिंह सिंह के प्राणों की आहुति और भारत माँ की प्रसादी
भले अंग्रेज हुकूमत थी भारी, लेकिन इस धरा की पीछे नहीं रहीं एक भी नारी
लक्ष्मी बाई एक उदाहरण है, ऐसी थी अनेक चिंगारी
भीग जाते है नयन हमारे , जब सुखदेव को याद करते है स्वतंत्रता संग्राम की कहानी में
और जनरल डायर की गुस्ताख़ी देख, जाग जाता है आक्रोश प्रत्येक हिंदुस्तानी में
भले 1947 से पहले कैद थे हम पिंजरो में, लेकिन है कदम आज चांद की धरा पर
इसे दुनिया कबूल करतीं हैं सत्य पर
कुछ पापियों ने भारत के लोगों में, धर्म के नाम पर कलह करवाया है
लेकिन आज सभी का मिलाप देख, प्रत्येक देश चकराया है
पी. वी. सिंधु ने अपने हुनर का, जलवा दिखाया है
ओलंपिक में भारत का, डंका बजाया है
हो इलाका आज, भले नामचीन दुश्मनों का
हमारे जवानों ने चुन-चुन के ढेर किया है, हजारों का
सम्मान किया है सचिन जैसे महान सरदारों का
और तिरंगा फहराया है, इस आजाद भारत का
