हमारे बुजुर्ग
हमारे बुजुर्ग
सलाह देने में बुजुर्गों कोई नहीं सानी
ये नहीं उनकीं मनमानी
अनुभव की हैं निशानी
जिंदगी को समझने में हो जाती हैं आसानी
होता जब सब कुछ इनकी निगरानी
आशीर्वाद के होतें हैं धनी
स्वाभाव समान निर्मल पानी
नहीं होते जरा भी अभिमानी
ये नहीं कोई काल्पनिक कहानी
हैं उनकी बुद्धिमानी
बुजुर्ग हैं हमारे धरोहर
हमारी खातिर नहीं देखते धूप का जहर
और गर्मी की दोपहर
दिखतीं सदा परिश्रम की लहर
बनता है दृश्य बड़ा ही मनोहर।
