भारत हूँ मैं
भारत हूँ मैं
आफ़ियत कोश हूँ मगर
आफ़त है हमराही मेरी
शराफ़त पसंद मिज़ाज़ की
बदमाशियों से बैरी।
पर इतना भी नासमझ हमे
ना समझ ऐ होशियार
ठान लूँ तो मिटा दूँगा अभी
नामोनिशाँ तेरी।।
ठान लेता हूँ जो, जब, जहाँ
कर दिखाता हूँ मैं
देश के लिये मर सकता तो
मार भी सकता हूँ मैं।
गिदड़ की मौत मरोगे जल्द
ना भागो शहर के ओर
चिर फाड़ दूंगा अंतड़ियाँ तेरी
नरसिंहा बन जाऊँगा मैं।।
इम्तिहाँ ना लो धैर्य की मेरी
ये बिगड़ैल स्थान
बहुत कर चुके हो गुस्ताखी
और ना बनो नाद
ान
सबक सिखाऊंगा तुझको
भूल ना पाओगे कभी
बदल दूँगा नाम तेरी मुल्क का
जल्द ही क़ब्रिस्तान।।
धुआँ धुआँ सा जो दिखता
सुलगता अंगार है ये,
दहक उठेगा ज़रूर ये आग
प्रलय का फूत्कार है ये
भारत हूँ मैं भारी हूँ तुझ पे
हर पल हर जगह
जल थल या गगन जहाँ भी
चाहे तो आजमा ले।।
छत्तीस छप्पन की आंकड़े में
ना बहको पाकिस्तान
कहाँ से कहाँ तक नापोगे
व्याप्त हूँ विश्व तमाम।
गाड़ दिया हूँ पैर आज मैं
बजरंग बली की तरह
उखाड़ सको तो उखाड़ दिखा
गर है तू बलवान।।