STORYMIRROR

AKSHATA SAGGAM

Abstract

3  

AKSHATA SAGGAM

Abstract

भाई

भाई

1 min
251

ए जिंदगी मुझे कुछ मत दे जिंदगी में 

मगर एक भाई जरूर दे अगले जनम में...

भाई कैसा भी हो बड़ा अच्छा होता है

दिल का बोहोत सच्चा होता भाई छोटा हो या बड़ा हो

बहन के लिए हमेशा खड़ा होता है..

दोनों की बीच कड़वाहट तो बोहोत होती है.. 

पर प्यार उससे भी ज्यादा होता है

ए जिंदगी एक लड़की को बहन ना हो

तो कोई फर्क नहीं पड़ता

पर भाई ना हो तो बोहोत फर्क पड़ता है...

हर एक बात के लिए पापा पापा कहना पड़ता है

यहां पे जाना है पापा वहा पे जाना है पापा

ये करना है तो पापा, वो करना है तो पापा

पर ज्यादा लड़ भी तो नहीं सकते ना पापा से 

एक भाई ना हो तो बोहोत फरक पड़ता है..

पापा से भी हम हक से लड़ सकते है..

पर उतना नहीं जितना भाई के साथ झगड़ सकते है..

भाई चाहे कितना भी बुरा क्यों ना हो 

बहन को कभी अकेला नहीं छोड़ता

हर एक काम में उसका साथ देता है... 

पर एक भाई ना हो तो

एक लड़की के जिंदगी में बोहोत फरक पड़ता है..

घरवाले कहते है कि ये भाई है ना वो भाई है ना 

पर कोई नहीं अपना भाई सिर्फ अपना होता है..

ए जिंदगी इतना एहसान कर मुझपे 

अगले जनम ने मुझे कुछ भी मत दे 

पर हा एक भाई जरूर दे दें

एक भाई जरूर दे दें!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract