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Tera Sukhi

Romance

4.1  

Tera Sukhi

Romance

* बेवजह तो नहीं *

* बेवजह तो नहीं *

1 min
52


बे वज़ह तो नहीं यूँ ही ख़्यालों में कोई आया है

कोई तो वजह है जो चेहरा उनका याद आया है 


क्या अदाएँ है तितलियों से उड़ती है याद उनकी

याद कर पुरानी याद भँवरों का मन भर आया है 


मचलने लगी हवाएँ मख़ौल करने लगी मुझ से

नाम तेरा लिया तो तेरा वो गुस्सा याद आया है


बे वज़ह झगड़ते हुए देख आसमां से परिंदों को 

तेरा मेरे संग उड़ना और वो गिरना याद आया है


गुल लश्कर बन गये जो मैंने बोए तेरी यादों में 

हथियार हाथों में पहले सा गुलाब नज़र आया है 


बौछार करो मुझ पर वार की पहले सी तुम जान

हर वार में मुझे जां तुम्हारा प्यार नज़र आया है


क्या हुआ रंग का क्या मसला लाल हो या काला

मेरे ज़ख्मों का रंग मुझे तो गुलाल नज़र आया है


मरहम मत लगाओ मर हम गये आज जीते जी

जब देखा मिटा हुआ चेहरा उनके ज़हन से अपना

आज उनके दिल में मुझे कोई गैर नज़र आया है 


बे वज़ह तो नही यूँ ही ख़्यालों में कोई आया है

कोई तो वजह है जो चेहरा उनका याद आया है 


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