बेटी
बेटी
कहो न सुनो न बोलो न जमाने को,
इक आवाज उठाओ न सब को सुनाने को।
मैं प्रक्रति का रूप मैं ही विश्व सुंदरी हूं,
आने दो न पापा मैं तो आपकी परी हूं।
पढूंगी लिखूंगी उडूंगी मैं नभ में
न पीछे रहूंगी करूंगी ये सब मैं।
भाव मन में भरे मैं उन सब में खरी हूं,
आने दो न पापा मैं तो आपकी परी हूं।
न मारो मुझे न हटाओ मां के पास से
साबुन सी फिसल जाऊंगी मैं आपके हाथ से
कैसे भूलोगे मैं आपके हाथों मरी हूं
आने दो न पापा मैं तो आपकी परी हूं।
खिलेगा घर आंगन मेरा मां के साथ से,
न दिल दुखेगा आपका मेरी किसी बात से।
करूंगी उजाला जैसे फुलझड़ी हूं,
आने दो न पापा मैं तो आपकी परी हूं।
