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Anita Sudhir

Classics

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Anita Sudhir

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बेटी

बेटी

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बेटी बगिया की कली ,पल पल यों मुस्काय,

बहती मुग्ध बयार सी ,हिय हर्षित हो जाय ।


पापा की नन्ही परी ,घर आँगन की शान,

बेटी की जिद पर करे ,सौ जीवन कुर्बान।


पैरों को रख गोद में, करे तात श्रृंगार,

माता बन पालन करें ,देते खुशी अपार ।


पायल की झंकार तुम ,करती दिल पर राज ,

लाडो तुमसे ही बजे ...मेरे मन के साज ।


भोले मुखड़े पर सदा ,सजी रहे मुस्कान,

जीवन खुशियों से सजे ,तू मेरा अभिमान ।


व्याकुल हूँ ये सोच के ,बेटी नाजुक काँच

हाथ जोड़ि विनती !प्रभू,आए न इस पर आँच।


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