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SNEHA NALAWADE

Tragedy

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SNEHA NALAWADE

Tragedy

बेटी ...

बेटी ...

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क्या इस दुनिया में कोई इतना

कठोर दिल कैसे हो सकता है ,

जो अपने ही बच्चे को पेट में ही मार दे ?

आखिर बच्चा तो माँ के शरीर का

आधा हिस्सा होता है,

फिर ऐसा क्यों?

क्यों उसे पहले ही मौत की

सज़ा सुना दी जाती है ?

क्या वो इतनी कमजोर है ?

पर लोगों की सोच ऐसी थी कि

एक अकेली माँ क्या पर पाती आखिर

सिर्फ देखती रह गई।

परंतु अब जमाना बदल गया है ,

वक्त बदल गया है ,

लोग बदल गए हैं,

उनकी सोच बदल गई है

पर अब हर घर में एक लड़की है

लड़कियों को खुशी खुशी अपनाया गया है।


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