बेटी ...
बेटी ...
क्या इस दुनिया में कोई इतना
कठोर दिल कैसे हो सकता है ,
जो अपने ही बच्चे को पेट में ही मार दे ?
आखिर बच्चा तो माँ के शरीर का
आधा हिस्सा होता है,
फिर ऐसा क्यों?
क्यों उसे पहले ही मौत की
सज़ा सुना दी जाती है ?
क्या वो इतनी कमजोर है ?
पर लोगों की सोच ऐसी थी कि
एक अकेली माँ क्या पर पाती आखिर
सिर्फ देखती रह गई।
परंतु अब जमाना बदल गया है ,
वक्त बदल गया है ,
लोग बदल गए हैं,
उनकी सोच बदल गई है
पर अब हर घर में एक लड़की है
लड़कियों को खुशी खुशी अपनाया गया है।
